एक साया
एक साया
एक दिन मेरे भरम ने मुझे खूब भरमाया
अंधेरे में देखा एक साया मुझे नजर आया
पहले समझा ये कोई वहम है फितूर है मेरा
फिर समझ में आया ये तो अहम है गुरुर है मेरा।
हर बार इसी की वजह से मेरा कदम लड़खड़ाया
चाहा बढ़ कर थामना किसी को यही मेरे आड़े आया
समझता रहा खुद को खुदा हरदम अपनी किस्मत का
खुदा को भी मेरी इस बेवकूफी पे बहुत रहम आया।
आज समझ आया कितना नासमझ था मैं
समझ कर भी मुझे कभी समझ क्यों ना आया
उसकी मर्जी के आगे हम सभी एक तिनका हैं
तिनका तिनका जोड़ कर उसने ही संसार बनाया।।
आभार – नवीन पहल – १८.०२.२०२२ 🙏🏻🙏🏻❤️💐
# दैनिक प्रतियोगिता हेतु
Abhinav ji
19-Feb-2022 09:23 AM
Nice one
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नवीन पहल भटनागर
19-Feb-2022 06:46 PM
Thanks
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Punam verma
19-Feb-2022 08:02 AM
Nice
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नवीन पहल भटनागर
19-Feb-2022 06:46 PM
Thank you
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Seema Priyadarshini sahay
19-Feb-2022 12:27 AM
नाइस..👌👌
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नवीन पहल भटनागर
19-Feb-2022 06:47 PM
शुक्रिया
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